• 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में 'वालंटियर संविधान संघ' का कार्यक्रम

    देशभर के कई विश्वविद्यालयों के छात्र संगठन 'एक देश-एक चुनाव' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के 'वालंटियर संविधान संघ' की भी यही मांग है

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    नई दिल्ली। देशभर के कई विश्वविद्यालयों के छात्र संगठन 'एक देश-एक चुनाव' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के 'वालंटियर संविधान संघ' की भी यही मांग है। इसमें छात्रों के साथ शिक्षक भी शामिल हैं। उन्होंने 'एक देश-एक चुनाव' को देश की जरूरत बताया।

    संघ के सदस्य एवं शिक्षक डॉ. देवेंद्र भारद्वाज ने बताया, "हमारा मैसेज एक ही है कि जो देश के विकास का पैसा पांच साल में कई बार चुनाव के कारण खर्च होता है, वह एक बार ही खर्च होना चाहिए। देश में जितने भी चुनाव होते हैं, वे एक बार में ही कराए जाने चाहिए। इससे देश के लाखों करोड़ रुपये बचेंगे और यह पैसा युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के काम आएगा। देश के सांसद, विपक्ष, प्रधानमंत्री और सभी पार्टियों से हमारी यही मांग है कि पांच साल में एक बार चुनाव कराइए और हमारा भविष्य बचाइए।"

    उन्होंने कहा, "देश में आजादी से 1967 तक एक ही बार और अच्छे से चुनाव होते थे। उस समय न ईवीएम था और न ही हमारा देश इतना संपन्न था। आज के समय में कई सारी सुविधाएं हैं। पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही है। हम टेक्नोलॉजी के मामले में संपन्न हैं। ईवीएम के माध्यम से देश के सारे चुनाव एक बार कराए जा सकते हैं और लाखों करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं। इससे हमारा देश मजबूत बनेगा।"

    सामाजिक कार्यकर्ता तरुण शर्मा ने बताया, "संविधान सपोर्ट एक ग्रुप है, जिसकी मांग है कि देश में एक चुनाव हो। इस मांग को लेकर आज हजारों की संख्या में युवा इकट्ठा हुए हैं। हमारा एक ही उद्देश्य है कि संसद में जो भी नीति बनाने वाले बैठे हैं, उन तक हम अपनी बात पहुंचाएं। सरकार से हमारा विनम्र निवेदन है कि वह देश में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का प्रावधान लागू करे।"

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